मध्य प्रदेश के प्रतीक ने की 7G की खोज, इटली सरकार दे रही है रिसर्च के लिए फंड

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी सदन कांग्रेस में कहा था कि "अगर अमेरिका वास्तव में शक्तिशाली बनना चाहता है, तो उसे भारतीय प्रतिभाशाली युवाओं की बेहद दरकार होगी. कोलकाता से लेकर कोच्चि तक के युवाओं को अपने देश में लाया जाए, ताकि वे अपनी शक्ति से हमारा भला कर सकें."

आप इस भाषण के आधार पर यह तय कर सकते हैं कि हम कितने ताकतवर हो चुके हैं. और यह बात सिर्फ़ अमेरिका ही नहीं, विश्व के सभी देश मान रहे हैं. हम सभी क्षेत्र में अव्वल हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह, काम के प्रति हमारा समर्पण है. नासा, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी संस्थाओं में हमारे युवा अपना झंडा गाड़ रहे हैं. और यह प्रक्रिया लगातार जारी है. इन सबसे आगे हम आपको एक ऐसी ख़बर बताने जा रहे हैं, जिसे जान कर आप काफ़ी गौरवान्वित महसूस करेंगे.

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आने वाले दिनों में हम दुनिया को 7G से रू-ब-रू करवाएंगे. इस विषय पर रिसर्च करने के लिए भोपाल के प्रतीक श्रीवास्तव का चयन हुआ है. इसके लिए उसे 50 लाख रुपये की फंडिंग भी दी गई है. इस रिसर्च में इंटरनेट एप्लीकेशन के लिए कम ऊर्जा एवं छोटे आकार के उपकरणों का निर्माण किया जाना है.

भोपाल के युवा करेंगे शोध


प्रतीक श्रीवास्तव को 7G में शोध के लिए इटली द्वारा 50 लाख रुपये की राशि दी गई है.

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चीन में रह कर करेंगे शोध


प्रतीक अपना शोध चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ चाइनीज अकादमी ऑफ साइंसेज़ के इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक रिसर्च लैब में रिसर्च करेंगे.

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कई ख़ासियतों से लैस होगा 7G


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  • इंटरनेट के लिए मोबाइल टावर्स पर निर्भरता नहीं रहेगी.

  • नेटवर्क के लिए लोगों को सेंसर्ड सिम दिया जाएगा.

  • स्पीड हज़ार गुना तेज़ होगी.

  • संचार के क्षेत्र में क्रांति होगी.


वर्तमान में दुनिया के कई ऐसे प्रांत हैं, जो इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं. ऐसे में हम 7G के क्षेत्र में रिसर्च कर साबित कर रहे हैं कि हमें 'विश्व गुरू'बनने से कोई नहीं रोक सकता.

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